
Name of the movie: Mirza Ghalib
Released year: 1954
Director: Sohrab Modi
Cast: Bharat Bhushan, Suraiya, Iftekhar
Banner: Minerva Movietone
अभिजीत चेतिया द्वारा समीक्षा (बॉलीवुड स्कैन):
मिर्ज़ा ग़ालिब उर्दू शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के जीवन पर एक खूबसूरत जीवनी पर आधारित फिल्म है। फिल्म में भारत भूषण ने गालिब, सुरैया ने मोती बेगम और इफ्तिखार ने बहादुर शाह जफर की भूमिका निभाई है।
एक पंक्ति की समीक्षा: एक खूबसूरती से बनाई गई फिल्म जो भारत के महानतम कवियों में से एक के सार को दर्शाती है।
विस्तृत समीक्षा:
यह फिल्म 1850 के दशक में मुगल साम्राज्य के पतन के वर्षों के दौरान दिल्ली पर आधारित है। ग़ालिब महान ख्याति प्राप्त शायर हैं, लेकिन वह कई विरोधाभासों वाले भी व्यक्ति हैं। वह प्रतिभाशाली और मजाकिया है, लेकिन वह अत्यधिक असुरक्षित भी है। वह सौन्दर्य प्रेमी है, परन्तु अत्यन्त दुःखी भी है।
फिल्म गालिब की आंतरिक उथल-पुथल का पता लगाती है क्योंकि वह अपने समय की राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से जूझ रहे हैं। इसमें मोती बेगम नामक एक युवा महिला के साथ उनके रिश्ते को भी दर्शाया गया है, जो उनकी प्रेरणा और प्रेमिका दोनों है।
मिर्ज़ा ग़ालिब शानदार सिनेमैटोग्राफी और भव्य सेट के साथ एक खूबसूरती से बनाई गई फिल्म है। भारत भूषण ने ग़ालिब के रूप में एक अद्भुत प्रस्तुति दी है, जिसमें कवि की बुद्धि, आकर्षण और संवेदनशीलता को दर्शाया गया है। सुरैया भी मोती बेगम के रूप में उत्कृष्ट हैं, जो भूमिका में गर्मजोशी और जुनून लाती हैं।
फिल्म अपनी खामियों से रहित नहीं है। ग़ालिब और मोती बेगम के बीच रोमांस कुछ हद तक अविकसित है, और फिल्म की ऐतिहासिक सटीकता पर सवाल उठाया गया है। हालाँकि, फिल्म की कई खूबियों की तुलना में ये खामियाँ छोटी हैं।
कुल मिलाकर, मिर्ज़ा ग़ालिब एक अच्छी तरह से बनाई गई फिल्म है जो भारत के महानतम कवियों में से एक के सार को दर्शाती है। उर्दू शायरी और भारतीय सिनेमा के प्रशंसकों के लिए इसे अवश्य देखना चाहिए।
स्टार रेटिंग: 5 में से 4.5 स्टार
इनके लिए अनुशंसित: उर्दू कविता, भारतीय सिनेमा और जीवनी संबंधी फिल्मों के प्रशंसक।
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